बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी …
दोस्तों, इस तरह से कुछ लिखना, एक नयी शुरुआत होती है और इस शुरुआत की शुरुआत करने जा रही हूँ मैं! वैसे हर इन्सान कुछ न कुछ सोचता रहता है, उसकी कुछ योजनाएं, कल्पनाएँ होती हैं, कुछ छोटी बड़ी आशाएं होती हैं और इन सबके साथ, इन सबका साथ पाकर वह कम करता रहता है. उन आशाओं, सोच, योजनाओं, कल्पनाओं को वास्तविकता में उतरने के लिए प्रयासरत, संघर्षरत रहता है. कभी वे आशाएं, कल्पनाएँ वास्तविकता में उतरती हैं तो कभी बहुत संघर्ष के बाद हाथ आ जाती हैं तो कभी कितनी भी कोशिशों के बावजूद कुछ भी नहीं मिल पाता.